आजकल स्वास्थ्य को लेकर एक सबसे बड़ी समस्या है और वो है मोटापा। बढ़ता हुआ वजन अपने साथ बहुत सारी बीमारियों को लेकर आता है जैसे ब्लड प्रेशर, हाई ब्लड शुगर, हाई कोलेस्ट्रॉल। यह देखा गया है की वजन घटाने में प्रोबायोटिक फूड्स असरदार होते है। आज हम यहाँ पर प्रोबायोटिक फूड्स और उनके फायदे के बारे में जिक्र करेंगे।
क्या होते है प्रोबायोटिक फूड्स?
प्रोबायोटिक फूड्स एक तरह से जीवित जीवाणु और यीस्ट होते है जो हमारे शरीर के लिए और हमारे पाचन तंत्र के लिए अच्छे होते है। प्रोबायोटिक अधिकांश तौर पर फायदेमंद होते है और हमारी आंत को स्वस्थ रखते है।
ये अधिकतर फ़ूड सप्लीमेंट्स और दही में पाए जाते है। ये कई बार डॉक्टर्स द्वारा भी सुझाये जाते है उन मरीजों को जिनको पाचन संबंधी परेशानियाँ रहती है। एक अध्ययन के मुताबिक प्रोबायोटिक हमारा वजन कम करने और बॉडी फैट को कम करने में सहायक होते है।
सबसे आम प्रोबायोटिक-लैक्टोबैसिलस ने यह साबित किया है की वह वजन और पेट की चर्बी को कम सकता है।
ये वजन और पेट की चर्बी को कैसे कम करते है ?
हमारे शरीर पर और अंदर बहुत सारे सूक्ष्मजीव पाए जाते है सहायक जीवाणु के रूप में। इनमें से कुछ जीवाणु वजन को कम और बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते है। हमारी आतों में सहायक और लाभकारी जीवाणु खाने को सूक्ष्म टुकड़ों में बदलते है और खाने को पचाते है। ये विटामिन्स और पोषक तत्वों को शरीर के लिए तैयार करते है।
ये प्रोबायोटिक बैक्टीरिया फाइबर को खाते है उनको उपयोगी यौगिक में बदलते है। एक रिसर्च में लैक्टोबैसिलस नमक बैक्टीरिया का असर कुछ मोटे लोंगो पर देखा गया। उन महिलाओँ का वजन ज्यादा कम हुआ जिन्होंने प्रोबायोटिक सप्लीमेंट लिए थे बनिस्पत उनके जिन्होंने वह सप्लीमेंट नहीं लिया और यह भी देखा गया की इस रिसर्च में शामिल लोगों ने 3 से 4% तक अपना बॉडी फैट कम किया।
प्रोबायोटिक से भरपूर फूड्स
खमीरयुक्त खाने में प्रोबायोटिक होता है। दही एक जाना-माना प्रोबायोटिक आहार का प्रतिरूप है। कुछ और खमीरयुक्त खाने की चीजों में भी यह बैक्टीरिया रहता है जिनमें केफिर, खमीरयुक्त कच्चा पनीर और कच्चा एप्पल साइडर विनेगर में होता है।
क्या इनके कोई दुष्प्रभाव होते है?
कुछ खास मामलों जब इनको शुरू के कुछ दिनों में बहुत ही हलके दुष्प्रभाव जैसे पेट में गड़बड़, दस्त, गैस बनना और पेट फूलना हो सकते है। ये कभी एलर्जी भी कर सकते है। अतः इन मामलों में डॉक्टर से कंसल्ट करना जरुरी होता है।